Ultimate Sad hindi shayari
एक वो था बदल गया,
एक में था बिखर गया,
एक वक़्त था गुज़र गया।
अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं,
थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं।
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए।
मोहब्बत का दर्द दिल में छुपाया बहुत है,
सच कहुँ उसकी मोहब्बत ने रुलाया बहुत है।
राह-ए-वफ़ा में हमको खुशी की तलास थी,
दो कदम ही चले थे कि हर कदम पर रो पड़े।
बहुत आसान है दर्द को छुपाना,
पर नहीं आसान किसी अपने को भुलाना।
हादसे इतनी नजाकत से होते गये,
हम पुराने और जख्म ताज़ा होते गये।
उसने कहा था आँखें भर के देखा कर मुझे,
अब आँखें तो भर आती हैं पर वो नहीं दिखते।
ऐ ख़ुदा !
बना कर भेज दो एक फरिश्ता,
टूटे दिल को जोड़ दे वो आहिस्ता-आहिस्ता।
दिल छोड़ कर और कुछ माँगा करो हमसे,
हम टूटी हुई चीज़ का तोहफा नही देते है।
इस कदर रिश्तों में मिलावटें छाईं है,
सुधारने जाती जाता हूँ अगर,
उतनी कड़वाहटें पाईं हैं।
जिसकी गलतियों को भुला के मैंने रिश्ता निभाया है,
उसी ने मुझे बार बार फालतू होने का एहसास दिलाया है।
आईना आज फिर से रिशवत लेते पकड़ा गया,
दिल में दर्द था और चेहरा हंसता हुआ पकड़ा गया।
मुश्किलों मे पड़ी ये जिंदगी ने
आज एक अलग रुख मुड़ा है,
जिस पर किया सबसे ज़्यादा भरोसा,
उसने ही सबसे पहले तन्हा छोड़ा है।
किसी को भूल कर सो जाना इतना असान नहीं होता,
ये दिल के दर्द हैं जनाब ये दिखाई नहीं देता।
हम जरा ख़फा क्या हो गए,
आप तो बेवफा हो गए।
तनहाई का ये मंज़र चुभता सीने में खंजर,
मिलता अक्सर तेरी बेवफ़ाई का गहरा समन्दर।
वो लड़की थी जो सब कुछ भूल गई एक रोने के बाद,
और वो लड़का था जो तड़पता रहा उसे खोने के बाद।
तुमसे वो आखिरी मुलाकात रह गई,
दिल में दबी वो बात रह गई।
चला गया वो हमें छोड़ कर बेगानों की तरह,
जैसे कभी हमे अपना समझा ही नही।
इस मतलब भरी दुनिया में कौन किसी का अपना होता है,
जिस पर करो भरोसा वही सबसे पहले धोखा देता है।
शाम हो रही है अब,
फिर इंतेजार सुबह का होगा,
जिंदगी तो ढल रही है,
अब इंतेजार मौत का होगा।
जबसे तन्हाई ने हाथ थामा है,
एक अरसा सा हो गया मुस्कराए हुए।
एक शक्स की ही तो बात है,
"मौला"
पुरी कायनात कीसने मांगी है।
Ultimate Sad hindi shayari
लफ़्ज़ों से कहाँ लिखी जाती है ये बेचैनियां मोहब्बत की,
मैंने तो हर बार तुम्हे दिल की गहराईयो से पुकारा है।
जज़्बात ए शहर में फ़रेब का ठिकाना है,
वरना अल्फाज़ यू आज बेघर नही होते।
दीवाना हूं मैं उसके लिए इस तरह,
दीवानी है वो किसी और के लिए जिस तरह।
हाँ मैने छोड़ दिया करना तेरी जिक्र,
पर सच कहुँ न अब भी करती हूँ तेरी फिक्र।
इश्क का बंटवारा भी बड़ी रजामंदी से हुआ,
खुशियां सारी उन्होंने बटोरी,
दर्द सारे हम ले आए।
जब गैरों पे वो फिदा होने लगा,
धीरे धीरे मुझसे जुदा होने लगा।..
Sad hindi shayari
तरस गए हैं हम थोड़ी सी वफा के लिए,
अब ये उम्र भी कम पड़ने लगी है इश्क़ में सजा के लिए।
ज़िंदगी मौसम ए पतझड़ सी हो गई है,
कोई तो आए मौसम ए बहार लेकर।
ख्वाइश नही अब कुछ भी पाने की,
जब जाना ही था तुझे जो जरूरत ही क्या थी मेरी जिंदगी में आने की।
ज़रा देर क्या हुई मेरे आने में,
सब्र नहीं किया तूने घर बसाने में।
मुहब्बत तभी करो जब उसे निभा सको,
मजबूरियों का सहारा लेकर
किसी को छोड़ना वफादारी नहीं होती।
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